जल संकट

विनोद भट्ट ।


भारत धीरे धीरे गंभीर जलसंकट की ओर बढ़ रहा है यदि समय रहते जलसंकट की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में यह विकराल समस्या बनकर हर भारतीय के सामने खड़ी होगी।वैसे भी भारत के कहीं इलाके स्वच्छ पेयजल के गंभीर संकट से जूझ रहे है, इन इलाकों में रहने वाले में बीमारियों का ग्राफ काफी ज्यादा है। शुद्ध जल हर किसी कि पहली प्राथमिकता है लेकिन जल को शुद्ध रखने के लिए वातावरण का साफ़ सुथरा होना भी बहुत जरूरी है। आज जिस प्रकार से शहरी इलाकों में साफ़ पानी की बरबादी की जा रही है वह एक गंभीर सोचनीय ‌‌‍‌विषय है। जल की बेतहाशा बरबादी आने वाले दिनों में हमें कितने कठिनाइयों की ओर ले जाएगी यह समझने की जरूरत आ गई है। जल ही जीवन है के मूलमंत्र को पुनर्स्थापित कर पानी के सदुपयोग के लिए लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता अान  पड़ी है।पानी की बरबादी करने वालो को बूंद बूंद पानी के लिए तरसते लोगो की कहानी बतानी होगी। साथ ही जल महकमे से जुड़े कार्मिकों को पानी की बरबादी रोकने के प्रति जवाबदेह बनाना होगा। जन- जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से आमजन को पानी की महत्ता और उसके सदपयोग तथा बरबादी के बारे में विस्तार से समझाना होगा तभी हम भारत को जल संकट से उबार  पाने में  सक्षम होंगे।